Saturday, March 21, 2009

कसाब, सम्राट अशोक के नक्शे कदम पर

सुनने में आया कि कभी खून की नदियाँ बहाने वाला पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब इन दिनों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जीवनी 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' पढ़ रहा है। वैसे यह अपनी तरह का पहला वाक़या नहीं है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने भी अपने जीवन का अधिकांश समय युद्धों में खर्च कर दिया मगर फिर रक्तपात को देखकर उनका ह्रदय परिवर्तन हो गया. इसके बाद उन्होंने फिर कभी तलवार नहीं उठाई. फर्क महज़ इतना है कि अशोक ने हथियार फेका था जबकि कसाब से हथियार छीना गया है. कुल मिला कर इस समय वह हथियारों से दूर है. फिलहाल तो वह सत्य के प्रयोग और उसके परिणामों का मनन करने में लगा है. यह मर्जी है या मजबूरी, इसका तो पता नहीं मगर कुछ भी हो कसाब के अन्दर शांति और अहिंसा के प्रति झुकाव जरूर आया है. अब देखना यह है कि यह झुकाव कब तक बना रहेगा और क्या इससे कसाब का ह्रदय परिवर्तन हो पायेगा अथवा नहीं ? अगर ह्रदय परिवर्तन हो गया तो इसमें कोई दोराय नहीं है कि कसाब एक नई परंपरा का कर्णधार बनेगा और कसाब को देखकर दूसरे आतंकी भाई भी इसमें अपनी रूचि दिखायेंगे.

4 comments:

  1. kasab sach ka kitna samna kar sakta hai, ye ab sabke samne aa chuka hai. court me juth ke dum per khud ko nabalik sabit karne ki kosis ki. kewaL GANDHI ko padhker kasab jaise log khud ko badal saken, to viswa ki dasa aur disa hi badal jaye.

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  2. sahi kaha aapne....

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  3. Jahan Kasab ko rakha gaya hai, ho sakta wahan aisee kitabon ke alawa kuchh uplubdh na ho...kasab jaise log to aatank wadiyon ke haath ka mohra hote hain..ek pakda jata hai to doosara taiyyar ho jata hai!

    "Simte Lamhen" comment ke liye tahe dilse shukriya!

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  4. फांसी हो गयी कसाब को । बाग़ी जी आप कर्णधार हैं इस समाज में परिवर्तन की बयार के । लव यू ☺��

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